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प्रभा(A Multilingual Journal of Humanities & Social Science) के सन्दर्भन का निर्देश
‘प्रभा’ अन्तर्विषयी शोध पत्रिका है| यहाँ हिंदी, अंग्रेजी और उर्दू भाषा में अकादमिक संवाद का हम स्वागत करते हैं| हमारा प्रयास समाज विज्ञान और कला- साहित्य की अकादमिक आवाजाही को बढ़ावा देना है और उपलब्धियों की साझेदारी को विश्लेषित करना है|कला-साहित्य एवं सामाजिक विज्ञान के अकादमिक लेखन में अब लोग बड़े पैमाने पर सन्दर्भ का उल्लेख करने लगे हैं, लेकिन अराजकता या उदासीनता अभी-भी कम नहीं हैं| हमारी कोशिश होगी कि लम्बे अरसे में विकसित और निहायत लोकप्रिय शिकागो या हार्वर्ड मैन्युअल जैसी वैश्विक संदर्भन प्रणालियों का मूलतः इस्तेमाल करते हुए उसे भाषा के स्थानीय व्यवहार के मुताबिक अनुकूलित करें | लेखक/लेखिकाओं से अपील है की वे अपने आलेख का शब्द – संयोजन करते वक़्त इन चीजों का विशेष खयाल रखें, ताकि हमें संपादन में और सजग पाठकों को पढने में कम मेहनत करनी पड़े | शोधपत्र में नाना प्रकार के स्रोतों को संदर्भित करने का तरीका नीचे मिसाल दे कर रेखांकित किया गया है|
हमारा तरीका होगा की हम मूल आलेख में सन्दर्भ न डालकर फुटनोट का इस्तेमाल करेंगे, और लेख के आख़िर में एक ग्रन्थ – सूची देंगे| हम फुटनोट व ग्रंथावली दोनों ही जगहों पर डॉट का इस्तेमाल करेंगे, जबकि मूल आलेख में पूर्ण विराम का |
फुटनोट में किताब के सन्दर्भ का क्रम:
पहला फुटनोट इस प्रकार हमेशा पूरा लिखा जाएगा –
लेखक का नाम, किताब का नाम (टेढ़े अक्षरों में), फिर कोष्ठक में प्रकाशन का वर्ष, फिर प्रकाशक, फिर प्रकाशन स्थान और फिर कोलन लगा कर पृष्ठ संख्या.
मिसाल के तौर पर: सुमित सरकार (1985), मॉडर्न इंडिया : 1885-1947, मैक्मिलन, लंदन : 21.
लेख के अंत में दी जाने वाली सन्दर्भ- सूची में किताब के सन्दर्भ का क्रम होगा :
सुमित सरकार (1985 ), मॉडर्न इंडिया : 1885-1947, मैक्मिलन, लंदन : 1985.
ज़ाहिर है कि यहाँ पृष्ठ संख्या नहीं देनी है|
अगर वही सन्दर्भ फुटनोट में दोबारा आ रहा है, तो महज़ लेखक/किताब के नाम से काम चला सकते हैं, साथ में विसर्ग लगा कर पृष्ठ संख्या देना लाज़मी होगा | अगर किताब एक से ज़्यादा संस्करणों में छ्प चुकी है तो जिस संस्करण का इस्तेमाल हुआ है, उसके ज़िक्र के साथ ब्रैकेट में मूल प्रकाशन का साल भी जाएगा | अगर एक ही रचनाकार की एक नाम से एक ही साल की दो शीर्षक-रचनाएँ उद्धधृत की गई हैं तो उनके हवाले में भेद करने के लिए फुटनोट/ग्रंथावली में रचना के नाम के बाद प्रकाशन वर्ष के साथ क,ख…आदि लगाया जाए |
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अगर किताब अनूदित है तो अनुवादक का नाम फुटनोट और ग्रंथावली में किताब के नाम के बाद कोष्ठक में आएगा :
जैसे : मन्ना डे (2008), यादें जी उठी: एक आत्मकथा, अंग्रेजी से अनुवाद : रक्षा शुक्ला, पेंगुइन बुक्स, नयी दिल्ली.
जर्नल या पत्रिका आदि में छपे लेख :
रचनाकार (प्रकाशन वर्ष), ‘लेख का नाम’, पत्र का नाम, खण्ड, अंक, किस पृष्ठ से किस पृष्ठ तक, आख़िर में अगर ख़ास पृष्ठ का जिक्र करना हो तो उसका विवरण इस प्रकार होगा:
(क) प्रेमलता वर्मा (2001), ‘इब्ने- मरियम हुआ करे कोई’, बहुवचन,वर्ष 2: अंक 8(जुलाई – सितम्बर) : 110-128,115.
पत्रिका के आलेख :
(ख) बजरंग बिहारी तिवारी (2012), ‘ केरल में दलित आंदोलन और दलित साहित्य’ , कथादेश, वर्ष 32: अंक 5(जुलाई) : 76.